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घटनाएंसफाई सेना ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पृथ्वी दिवस मनायासफाई सेना ने २२ अप्रैल २०१३ को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अपने कार्य के महत्वता के बारे में शिक्षित करके ४३वा प्रथ्वी दिवस मनाया और यात्रियों ने वातावरण को साफ़ और स्वच्छ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कबाडियों के साथ सफाई सेना की एक टीम ने प्लेटफार्म नंबर 1 और 16 पर शपथ बैनर लगाये आने वाले सभी यात्रिओं का कूड़ा उठाने वालों के द्वारा स्वागत किया गया जो उन्हें शिक्षित किया गया की कूड़ा उठाने वाले किस तरह स्टेशन को साफ़ करते हैं, किस तरह उनका काम रिसायक्लिंग को बढावा देता है और किस तरीके से यात्री रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्म और ट्रेक की साफ़ रखने में मदद कर सकते हैं! यात्रिओं ने प्लास्टिक बोतल को फेंकने से पहले कुचलने और कूड़े को कूड़ेदान में ही फेंकने की सपथ ली! यात्रिओं और कूड़ा उठाने वालों से कई तरह के सवाल पूछे जैसे की कूड़े को किस तरह से छांटा जाता है, कितना कूड़ा रेलवे स्टेशन पर होता है और प्लास्टिक बोतलों को कुचलना कैसे फायेदेमंद है और कूड़ा उठाने वालों को इसमें क्या योगदान है सफाई सेना के साथियों ने ख़ुशी से उनको समझाया किस तरीके से वो आसन उपायों से पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं सफाई सेना के कूड़ा उठाने वाले औ उनकी टीम वहां होने पर काफी उत्साहित थे और वो सब सफाई सेना की हरी वर्दी पहन कर लोगों के भीड़ में खड़े थे दोनों प्लेटफार्म पर आदमियों, औरतों और बच्चो को लगातार आना जाना लगा हुआ था उन सभी को शपथ बोर्ड तक ले जाया गया और उन्होंने ख़ुशी से उस पर अपने हस्ताक्षर किए उनको हरे रंग का एक रिबन भी दिया गया जो पर्यावरण दिवस का एक सकेंत था इस कार्यक्रम में स्टेशन मास्टर श्री राजीव शुक्ला, रेलवे पुलिस फ़ोर्स के एस० एच० ओ० श्री प्रत्युष तिवारी ने भी भाग लिया और वो काफी सपोर्टिव थे कि सफाई सेना रेलवे स्टेशन और सफा सुथरा रखती है उन्हें पृथ्वी दिवस के प्रतिक के रूप में एक एक पोधा उपहार दिया गया यह कार्यक्रम लोगों को, पृथ्वी दिवस और सफाई सेना के द्वारा रेलवे स्टेशन पर किए जा रहे काम और कूड़ा उठाने वालों का योगदान के बारे में जागरूक करने में ज्यादा सफल रहा गाजीपुर लैंडफिल में आग31 जनवरी 2012 को गाजीपुर लैंडफिल के स्लम्स (मलिन बस्तियों) में आग लग गई। 240 से भी अधिक परिवारों ने समस्त भौतिक सम्पत्ति खो दी, जिन पर उनका स्वामित्व था, वे अपने तन पर केवल कपड़ों को ही बचा पाए। कई बच्चे थे। ये सभी परिवार कूड़ा बीनने वालों के परिवार हैं, जिसमें 350 से भी अधिक लोग सफाई सेना के सदस्य हैं। हमने अपने घरों से उन वस्तुओं को एकत्र करना शुरू किया, जिनकी उन्हें तुरन्त जरूरत थी। इसके बाद, उनकी मदद करने के लिए हमने सफाई सेना द्वारा धन का संचय शुरू किया। विभिन्न इलाकों से सफाई सेना के सदस्यों ने हर संभव योगदान दिया। अलग-अलग इलाकों से सफाई सेना के सदस्य एक सप्ताह से भी अधिक समय से लगातार प्रभावित लोगों में भोजन, कपड़े, कंबल और बर्तन वितरित करते हुए उनकी मदद कर रहे थे। धन अन्य स्रोतों से एकत्र किया गया तथा बर्तन व जरूरी सामान खरीदे और वितरित किए गए। हालांकि धन घरेलू क्षति की भरपाई तो नहीं कर सकता, लेकिन यह जानने के लिए कि आग की बेहतर रोकथाम हेतु क्या किया जा सकता है, हम दूसरे संगठनों के साथ कार्य कर रहे हैं। सफाई सेना की वार्षिक बैठक04 दिसम्बर, 2011 को सफाई सेना ने भोपुरा पंचशील नगर ग्राउंड में 12.00 बजे दोपहर से 5.00 बजे शाम तक अपनी तीसरी वार्षिक बैठक का आयोजन किया। दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के 18 क्षेत्रों से सदस्यों ने इस बैठक में भाग लिया। यह कार्यक्रम, संतू के नाम से प्रसिद्ध जयप्रकाश चैधरी द्वारा प्रस्तुत एक गीत से आरंभ हुआ। श्री विनोद कसाना (काउंसलर), श्री कुलदीप कसाना (जिला महासचिव) और श्री के.के. त्यागी (चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, गाजियाबाद नगर निगम) भी आमंत्रित थे। श्री के.के. त्यागी ने कहा, ‘आपके बीच उपस्थित होकर आज मुझे हार्दिक प्रसन्नता है और हमारे नगर व पर्यावरण को स्वच्छ रखने हेतु आपके प्रयासों की मैं सराहना करता हूं। गाजियाबाद नगर निगम, दरवाजों पर संग्रहण का कार्य निजी ठेकेदारों के बजाय आम कबाडि़यों को सौंपेगा।’ भोपुरा क्षेत्र के सफाई सेना सचिव अजीज ने पिछले एक वर्ष में सफाई सेना की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सफाई सेना ने किस प्रकार टेट्रा पैक की साझेदारी में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के 6 क्षेत्रों से टेट्रा पैक एकत्र किए। इसमें संलग्न लगभग 1900 अपशिष्ट रिसाइकिलरों ने अपनी आमदनी बढ़ाई। उन्होंने अन्य क्षेत्रों के लोगों से यह कार्य देखने और इसे उनके सदस्यों के साथ आरंभ करने का आग्रह किया। सफाई सेना के सात सफाई सेना प्रशिक्षुओं ने विगत 9 महीनों में अपने कार्य और शिक्षण के बारे में बताया। उन्होंने बैठकें और कार्यशालाएं आयोजित कीं, अपशिष्ट रिसाइकिलरों को प्रशिक्षण दिए और चिंतन से उनकी योजनाओं के अनुसार प्रशिक्षण प्राप्त किए। सरोजनी नगर से सफाई सेना के एक अन्य सदस्य ओमप्रकाश ने जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में 04 से 10 सितम्बर, 2011 तक आयोजित जलवायु परिवर्तन पर कान्फ्रेन्स में भारत के अपशिष्ट रिसाइकिलरों और सफाई सेना का प्रतिनिधित्व किया। ‘पूरे विश्व के साथी अपशिष्ट रिसाइकिलरों के बीच अपने देश और सफाई सेना का प्रतिनिधित्व करते हुए मैं अत्यधिक गौरवान्वित हुआ। भारत में अपशिष्ट रिसाइकिलरों द्वारा सामना किए जाने वाले मसलों और चुनौतियों को उजागर करने के लिए मैंने अपना सर्वोत्तम प्रयास किया।’ सुबेदा बीवी और आयशा, जो कि गाजीपुर क्षेत्र से सफाई सेना की सदस्य भी हैं, ने कूड़ा बीनने में बाल श्रम पर भोपाल में एआईडब्ल्यू चर्चा में भाग लिया। उन्होंने दिल्ली में कार्य पर चर्चा की और भारत के विभिन्न भागों में कूड़ा बीनने वाले बच्चों की स्थितियों का वर्णन किया। कूड़े से ऊर्जा संयंत्र के कारण प्रभावित होने वाले कूड़ा बीनने वालों हेतु पुनर्वास योजना पर भी बैठक में चर्चा हुई। सफाई सेना के सदस्यों ने मांग की कि उन्हें अपशिष्ट कार्य में पुनर्वासित किया जाना चाहिए या उन्हें सरकार द्वारा रोजगार अथवा तृतीय व्यवसाय प्रदान किया जाए जो वे कर सकें और जो उन्हें समान या अधिक आमदनी अर्जित करने में सहायक हो सके। अंत में चुनावों का आयोजन हुआ। |
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